पटना – दिनांक 21/09/2020, सोमवार
को शहर के विद्यापति भवन में वर्तमान विधान परिषद सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ• (प्रो०) संजय पासवान की संस्था कबीर के लोग द्वारा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्रधेय श्री भोला पासवान जी का 107 वीं जयंती मनाया गया। इस अवसर पर संस्था द्वारा “दलित नेतृत्व” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भी किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी रहे। इसके अलावा विधायक बेबी कुमारी, महादलित परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बबन रावत, पूर्व भारतीय जनता मोर्चा अनुसूचित जाति /जनजाति के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान कटारिया, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल जी ने भी भोला पासवान जी को श्रंद्धांजलि अर्पित किया ।
अवसर पर बोलते हुऐ, माननीय सुशील मोदी ने सरकार के 15 वर्ष में उनके द्वारा पिछड़ो के लिये विभिन्न नीतियों और उससे हुए लाभ को बताया । मंच से बोलते हुए बेबी कुमारी ने भारत को कर्म प्रधान देश बताया, शिक्षित बनने और संघर्ष करने को जीवन मूल्य बताया। बबन रावत जी ने साहित्य या लेखन में दलित महापुरुषों को स्थान न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण बताया । गजेंद्र मांझी ने जातीय धुर्वीकरण छोड़ कर वर्गीकरण करने की आवश्यकता को बताया। सूरजभान कटारिया ने सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के लिये गये अपने कार्यों को बताया।
मंच से बोलते हुए, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य श्री कामेश्वर चौपाल जी ने दलितों को मूल से जुड़े रहने और दलितों के महापुरुषों के पर साहित्य लिखने के लिये युवाओं से आवाहन किया। उन्होंने कहा की रामायण के दिनों से, शबरी, गुहान और वाल्मीकि हिंदू धर्म के अंतर्ग्रहण की शानदार मिसाल रहे हैं। उन्होंने बाबा साहब को इस शताब्दी का मनु बताते हुए कहा कि जैसे मनु ने तब के समाज के लिये संविधान लिख कर तब के समाज का मार्गदर्शन किया था उसी प्रकार बाबा साहेब श्री अम्बेडकर ने अभी के समाज के लिये संविधान लिख कर वर्तमान समाज के लिये मार्गदर्शन का कार्य किया है। और इस संविधान द्वारा समाज के दलित वर्ग सहित सभी वर्गों के सम्मान और समृद्धि की रक्षा करते हुए एक समरस समाज को स्थापित करने का प्रयत्न किया है। उन्होंने बताया कि आज, मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों में दलित, प्रमुख पदों पर भी उभर कर आ रहे हैं।
इस अवसर पर श्री भोला पासवान जी को अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कार्यक्रम के अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय मंत्री, वर्तमान बिहार विधानपरिषद के सदस्य, डॉ.(प्रो) संजय पासवान जी ने कहा कि बाबू जगजीवन राम और श्री भोला पासवान शास्त्री सिर्फ बिहार ही नहीं, अपितु पूरे भारत के लिये दलित “विचार” के प्रमुख और बेहद महत्वपूर्ण प्रतीक रहे है। मंच से लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, “दलित चाहे जिस भी राजनीतिक दल में हों, उन्हें ये तय करना होगा और ये सीखना होगा कि वो अपनी पार्टी के हित के साथ साथ समुदाय के हित को भी कैसे साथ ले कर चलें”। वर्तमान में दलित राजनीति कर रही पार्टीयों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “परिवार आधारित पार्टियों ने सामाजिक न्याय के मूल और मूल्यों को क्षति ही पहुंचाया है”। परिवार आधारित पार्टीयों को सामाजिक न्याय के “मूल तत्व” और “आधारभूत मूल्यों” के लिये घातक और सामाजिक न्याय के उद्देश्य प्राप्ति में बाधक बताते हुए श्री संजय पासवान जी ने कहा कि, “लोजपा, बसपा, आरपीआई, दलित नेतृत्व वाली उन संस्थाओं के उदाहरण हैं जिनका दलितों के हित और सामाजिक न्याय में निहितार्थ नहीं है”।
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